प्राणिक हीलिंग, रोग परीक्षण, पंचकर्म एवं आहार चिकित्सा पर आधारित दो दिवसीय 11वीं कार्यशाला का शुभारंभ

प्राणिक हीलिंग, रोग परीक्षण, पंचकर्म एवं आहार चिकित्सा पर आधारित दो दिवसीय 11वीं कार्यशाला का शुभारंभ

Inauguration of the two-day 11th Workshop

Inauguration of the two-day 11th Workshop

Inauguration of the two-day 11th Workshop: वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा निरामया योगम रिसर्च फाउंडेशन, हरिद्वार एवं उत्तराखंड आयुर्वेदिक कॉलेज के सहयोग से प्राणिक हीलिंग, रोग परीक्षण, पंचकर्म एवं आहार चिकित्सा पर आधारित दो दिवसीय 11वीं कार्यशाला का शुभारंभ आज हुआ।

कार्यशाला का उद्घाटन माननीय कुलपति प्रो. ओंकार सिंह (वीएमएसबीयूटीयू) एवं पूर्व कुलपति, उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय, प्रो. सुनील जोशी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. गीता खन्ना, अध्यक्ष, बाल अधिकार संरक्षण प्रकोष्ठ उपस्थित रहीं।

Inauguration of the two-day 11th Workshop

विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. बिष्णु मोहन दाश, विभागाध्यक्ष (सामाजिक कार्य), भीमराव अंबेडकर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय ने कार्यशाला को संबोधित किया कि आज योग के अनेक उपचारात्मक तकनीकजैसे मर्म चिकित्सा, कॉस्मिक हीलिंग के द्वारा ड्रग्स थेरेपी को ज्यादा से ज्यादा अपनाया जाना चाहिए।यह समय की आवश्यकता है कि ऐसे वर्कशॉप के माध्यम से समाज में भी जागरूकता लाया जाए।

डॉ. उर्मिला पांडे ने बताया कि कॉस्मिक हीलिंग वह तकनीक है जिसमें कॉस्मिक एनर्जी के द्वारा रोगों का रोकथाम समय सेसे जानकारी हो जाने पर किया जा सकता है l यह तकनीक सूक्ष्म शरीर स्तर पर चक्रों और औरा की नकारात्मक एनर्जी को निकालता हैऔर वहां कॉस्मिक एनर्जी आरोपित कर स्वास्थ्य लाभ देता है जिसे सीख कर सेल्फ हेल्प हीलिंग भी किया जा सकता है l

डॉ. उर्मिला पांडे(निदेशक,निरामया योगम रिसर्च रिसर्च फाउंडेशन) कार्यशाला की सह-अध्यक्ष रहीं एवं पहले दिन (21 अप्रैल) उन्होंने व्याख्यान एवं प्रायोगिक सत्र का संचालन किया।. डाॅ. पांडे ने बताया कि कॉस्मिक हीलिंग वह तकनीक है जिसमें कॉस्मिक एनर्जी के द्वारा रोगों का रोकथाम समय से जानकारी हो जाने पर किया जा सकता है l यह तकनीक सूक्ष्म शरीर स्तर पर चक्रों और औरा की नकारात्मक एनर्जी को निकालता हैऔर वहां कॉस्मिक एनर्जी आरोपित कर स्वास्थ्य लाभ देता है जिसे सीख कर सेल्फ हेल्प हीलिंग भी किया जा सकता है l कार्यशाला के दूसरे दिन (22 अप्रैल) डॉ. नम्रता भट्ट, चिकित्सा अधिकारी, आयुष विभाग, अल्मोड़ा द्वारा व्याख्यान एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण सत्र लिया जाएगा।

आयोजन सचिव प्रो. मनोज कुमार पांडा, सह-संयोजक मानसी वीरमानी एवं कोनिका मुखर्जी रहीं। संकाय सदस्य श्री के.सी. मिश्रा, श्री अंशु सिंह, डॉ. आशीष नौटियाल, डॉ. सुरभि भट्ट, श्री लोचन भट्ट सहित विभिन्न संस्थानों से आए प्रतिभागियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

कार्यशाला का उद्देश्य योग एवं आयुर्वेद आधारित उपचार पद्धतियों को व्यवहारिक रूप से समझाना और स्वास्थ्य के समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है।